समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। एसडीजेएम के न्यायालय में चल रहे जीआर वाद संख्या 355/24 सरकारी पैसा गबन करने के मामले में पोस्ट मास्टर केदारनाथ मजूमदार को 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पोस्टमास्टर को आईपीसी की धारा 409 के तहत तीन साल की कठोर कारावास और 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर 2 महीने के लिए अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी काटनी होगी। इसके अलावा दोषी केदारनाथ मजूमदार को आईपीसी की धारा 420, 467, 468, और 471 के तहत अपराध के लिए 3 साल के लिए कठोर कारावास की सजा भी दी गई है। यह सभी सजाएं एक साथ चलेगी। इस मामले के संबंध में जानकारी के अनुसार, पोस्टमास्टर केदारनाथ मजूमदार पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी खाता खोलकर लाभार्थियों से एकत्र की गई पूरी राशि का गबन किया था। दिवाकर मंडल ने आरोप लगाया था कि उन्होंने वर्ष 2015 में झिकरहट्टी सरकारी डाकघर में पोस्टमास्टर केदारनाथ मजूमदार के माध्यम से ग्रामीण डाक जीवन बीमा खाता खुलवाया था और इसके लिए एक पासबुक भी जारी किया गया था। लेकिन बाद में पता चला कि खाते में कोई राशि जमा नहीं की गई थी और दूसरा खाता भी नहीं खोला गया था। लोक अभियोजन अधिकारी मौसमी मुर्मू ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और न्यायालय में प्रभावी ढंग से पक्ष प्रस्तुत किया, जिसके परिणामस्वरूप दोषी को सजा मिली। न्यायालय के फैसले से स्पष्ट है कि सरकारी पैसा गबन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में न्यायालय ने दोषी को सजा देकर एक कड़ा संदेश दिया है।