प्रभात मंत्र संवाददाता
पाकुड़। पथ निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से शहरकोल से पियादापुर तक करोड़ों की लागत से बनाई जा रही बाइपास सड़क निर्माण में संवेदक के द्वारा गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे पीडब्ल्यूडी विभाग की मौन सहमति कहे या संवेदक और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत कहे, इंजीनियर की गैर मौजूदगी में आधी रात को ढलाई किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप अगले ही सुबह गुणवत्ता की पोल खुलने लगती है। यूं कहे कि पीडब्ल्यूडी और संवेदक के मिलीभगत की कलई खुल गई। आधी रात को ढलाई और सुबह होते-होते ढलाई का स्वत ही टूटना भी शुरू हो जाता है। इस पर जब शहरकोल पंचायत के मुखिया सह मुखिया संघ के अध्यक्ष विकास गोंड की नजर पड़ी, तो उनके भी होश उड़ गए। इसके बाद मुखिया विकास गोंड अब तक किए गए निर्माण कार्यों पर बारीकी से नजर फिराने लगे, तो एक के बाद एक गड़बड़ियां सामने आती गई। पहली बात तो आधी रात को कलवट का ढलाई करने की जानकारी सामने आई। इस दौरान विभागीय इंजीनियर की गैरमौजूदगी की बातें भी सामने आई। जिसका नतीजा यह हुआ कि कलवट की ढलाई स्वत ही टूटने लगा। इतना ही नहीं ढलाई में कीचड़ भी देखने को मिला। इस तरह गुणवत्ता से खिलवाड़ की बातें सामने आई। इसके अलावा सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाले जीएसबी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जिसमें गिट्टी की मात्रा नहीं के बराबर है। इसमें जीएसबी के रूप में सिर्फ स्टोन डस्ट डाला गया है। वहीं मुखिया विकास गोंड ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण में गुणवत्ता नाम की कोई चीज है ही नहीं, सिर्फ खानापूर्ति कर सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आधी रात को ढलाई कर दिया गया। अगले दिन ही टूटने लगा और कीचड़ का मिलावट भी साफ दिखाई दे रहा है। इसे किसी भी रुप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरी जिम्मेवारी है कि मैं गलत को रोकूं। इसलिए इसकी शिकायत उपायुक्त महोदय से करुंगा। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य इंजीनियर की गैरमौजूदगी में किया जा रहा है। इंजीनियर का कोई अता-पता नहीं है। इस दौरान मुखिया विकास गोंड ने सीधे तौर पर चेताया कि अगर गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया तो ग्रामीणों के साथ धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि जितना भी काम हुआ है, उसे तोड़कर दोबारा करना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कलवट या अन्य निर्माण ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकता। क्योंकि इसमें गुणवत्ता से खुलेआम खिलवाड़ किया गया है। उल्लेखनीय है कि शहरकोल से पियादापुर तक बाइपास सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया है। जिसकी लंबाई 6.340 किलोमीटर है। इस सड़क का निर्माण पाकुड़ जिले वासियों के लिए काफी मायने रखता है। इसकी अहमियत पाकुड़ वासियों को ही नहीं, बल्कि बाहरी जिलों या राज्यों के उन लोगों को भी पता है जो व्यवसाय से जुड़े हैं। इस सड़क के निर्माण से ना सिर्फ शहर में हर दिन सुबह-शाम लगने वाली जाम की से मुक्ति मिलेगी, बल्कि समय की बर्बादी भी नहीं होगी। इतने महत्वपूर्ण सड़क निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार कर देना और मनमानी तरीके से निर्माण किया जाना, संवेदक और पीडब्ल्यूडी विभाग की मंशा पर सवाल खड़े होना लाजमी है। यह भी बता दें कि पाकुड़ ब्लॉक में पिछले कुछ सालों में पीडब्ल्यूडी की जितने भी सड़कें बनी, उनमें ज्यादातर सड़कें घटिया निर्माण की वजह से नीयत समय से पहले ही टूटकर बर्बाद हो गया। पियादापुर से मौलाना चौक तक बनी सड़क, जिसमें निर्माण के कुछ ही महीनों में गड्ढे उभर आई। अखबार में खबर छपी तब जाकर गड्ढों को भरा गया। वहीं सुंदरापहाड़ी चौक से हमरुल होते हुए बंगाल सीमा तक सड़क, जिसका निर्माण कार्य अभी चल ही रहा है और इसमें भी दरार आने लगी है। वहीं जगह-जगह सड़क से गिट्टी उखड़ने लगी है। ऐसे और भी कई उदाहरण हैं, जिसमें पीडब्ल्यूडी और संवेदक की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं। इधर शहरकोल से पियादापुर तक बाइपास सड़क निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ करने वाले संवेदक पर कार्रवाई की मांग की गई है। मुखिया विकास गोंड ने कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ करने वाले संवेदक पर कार्रवाई होना चाहिए।
