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Maqsood Alam
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उभरता बचपन के तहत कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने दिखाई प्रतिभा, खुब बटोरी तालियां

फेस का कार्य हिमालय की तरह, पुरी टीम निभा रही बड़ी जिम्मेदारी- डीडीसी

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़। फेस संस्था की ओर से मंगलवार को शहर के रविंद्र भवन में उभरता बचपन विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्घाटन डीडीसी महेश कुमार संथालिया, फेस की सचिव रितु पांडेय, रतन कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह, शिक्षक मिथिलेश सिंह एवं अन्य अतिथियों ने किया। आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य बड़े मंच पर बच्चों की प्रतिभा को निखारना था। इसमें हिरणपुर और पाकुड़ प्रखंड में शामिल उन 110 विद्यालयों के बच्चों को शामिल किया गया, जिन विद्यालयों को संस्था के द्वारा चयन किया गया था। बता दें कि फेस संस्था पूर्व से ही इन विद्यालयों का चयन कर प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने बाल विवाह और बाल श्रम जैसे विषयों पर बेहतरीन तरीके से नाटक का मंचन किया। बच्चों ने बाल विवाह और बाल श्रम से होने वाले मानसिक और शारीरिक नुकसान के साथ-साथ भविष्य की बर्बादी पर नाटक का बखूबी मंचन किया। इसके अलावा अंग्रेजी और हिंदी में कविता पाठ, भाषण और नृत्य का भी प्रदर्शन किया। इसी मंच पर शहर की रानी ज्योतिर्मयी बालिका उच्च विद्यालय की छात्रा ने विद्यालयों में चलने वाले बाल संसद पर बेहतरीन तरीके से बातों को रखा। बाल संसद में शामिल मंत्रियों के कार्यों और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में बताया। आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीडीसी महेश कुमार संथालिया ने कहा कि मैं काफी समय से फेस संस्था के कार्यों को देख रहा हूं। मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं, कि फेस संस्था बच्चों के भविष्य को लेकर बेहद ही गंभीर हैं और जिम्मेवारी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों का कितना ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है, वह फेस संस्था से ज्यादा शायद कोई नहीं जान सकता है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे पौधों का कितना ख्याल रखना पड़ता है, यह फेस संस्था को पता है। इसलिए मैं कहता हूं कि आपका दायित्व बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि फेस संस्था यह बखूबी समझती है कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, समझदार हो जाते हैं, तो धीरे-धीरे अपना ख्याल रख सकते हैं। इसके लिए बच्चों को उस स्टेज पर पहुंचा कर छोड़ना है। उन्होंने कहा कि फेस दूसरा काम यह भी कर रहा है कि उसे बच्चों को चुनने की समझदारी है। ऐसे बच्चों को चुना जाता है जो काफी संघर्षशील होते हैं, जिन्होंने जिंदगी में बहुत संघर्ष देखे हैं। ऐसे बच्चों को चुनना, उनके साथ आत्मसात करना, उनके साथ मिलना, इन तमाम परिस्थितियों के लिए फेस की पूरी टीम लगी हुई है। निश्चित रूप से मैं कह सकता हूं कि फेस संस्था बिल्कुल हिमालय पर्वत की तरह काम कर रहा है। आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फेस संस्था की सचिव रितु पांडेय ने कहा कि हम तो सिर्फ एक चेहरा है। हमारे चेहरे के पीछे कई चेहरे लगे हुए हैं। जिससे आज हम लोग फेस को यहां तक लेकर आ पाए हैं। उन्होंने डीडीसी महेश कुमार संथालिया के प्रेरणादाई बातों को लेकर कहा कि इतनी अच्छी प्रेरणादायक वाक्यों को जब हम सुनते हैं तो हमारे अंदर और ऊर्जा की भावना होती है और कोसों में दौड़ लगाने की शक्ति आ जाती है। इसके लिए हम डीडीसी महोदय का धन्यवाद करते हैं। उनका भी आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय आज के कार्यक्रम के लिए दिया है। मैं ज्यादा नहीं बोलूंगी, क्योंकि हमारे बच्चों का काफी सारे कार्यक्रम है। यह जो उभरता बचपन है, यह एक टीम है। हम यह कार्यक्रम सरकारी विद्यालयों में करते हैं। वैसे 110 विद्यालयों को हम लोगों ने हिरणपुर और पाकुड़ में चयन किया है, जिनके साथ हम विगत चार वर्षों से काम कर रहे हैं। कैसे हम उन बच्चों के अंदर उनके शिक्षा के प्रति ललक जगाएं, एक बीज रोपण करें ताकि हम रहे या ना रहे वह बीज बढ़ते जाएं। इसमें हमारे शिक्षक गण काफी प्रयास करते हैं। जिनके बदौलत आज बच्चे यहां तक पहुंचे है। कार्यक्रम में मंच का संचालन देव ज्योति बनर्जी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रिया दास, महबूब आलम, शहादत हुसैन, हिना परवीन, मो. शाहनवाज सहित अन्य का अहम योगदान रहा।

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