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Maqsood Alam
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रोजेदार छात्रों की भी एमडीएम रजिस्टर में बन रही हाजिरी, अध्यक्ष संयोजिका मचा रहे लूट

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़। सदर प्रखंड के किस्मत कदमसर मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले रोजेदार छात्रों की भी मध्यान भोजन योजना के रजिस्टर में हाजिरी बनाई जा रही है। अध्यक्ष और संयोजिका ने मिलकर रोजेदार छात्रों के नाम एमडीएम पंजी में हाजिरी दिखाकर सरकारी राशि की लूट मचा रखी है। इबादत में लगे बच्चों का निवाला भी लूटा जा रहा है। इसका जरा सा भी खौफ शायद लूटने वालों के मन में नहीं है। मंगलवार को कक्षा 6, 7 एवं 8 के रोजेदार बच्चों ने बताया कि रमजान महीना शुरू होने के बाद से एमडीएम नहीं खाते हैं। इसके बदले में विद्यालय प्रबंधन की ओर से कुछ दिया भी नहीं जाता है। वहीदा खातून, सारिका सुल्ताना, सगीरा खातून सहित अन्य छात्रों ने बताया कि हमें सप्ताह में 2 दिन सिर्फ एक-एक अंडे दिए जाते हैं। इसके अलावा रमजान महीने के शुरू से आज तक कुछ नहीं मिला। इन बच्चों से जानकारी मिलने के बाद जब प्रधान अध्यापक चांद हेंब्रम से बात हुई तो उन्होंने कहा कि एमडीएम योजना से मुझे कोई लेना-देना नहीं है। मैं सिर्फ लेखा-जोखा रखता हूं। इसके बारे में प्रबंध समिति अध्यक्ष सबिरुद्दीन शेख ही बता सकते हैं। प्रधान अध्यापक ने छात्रों का नामांकन और हाजिरी की जानकारी देते हुए बताया कि कुल नामांकित 1047 बच्चों में से 756 बच्चों की हाजिरी बनी है। यानी विद्यालय में मंगलवार को 756 बच्चों ने उपस्थिति दर्ज कराई। हालांकि एमडीएम रजिस्टर में 28 मार्च के बाद कोई भी हाजिरी नहीं चढ़ाया गया था। प्रधान अध्यापक के मुताबिक 28 मार्च को उपस्थित सभी 111 छात्रों का एमडीएम रजिस्टर में भी हाजिरी चढ़ाई गई थी। इसका सीधा मतलब यही निकलता है कि सभी बच्चों ने एमडीएम ग्रहण किया था। जबकि रोजा रख रहे बच्चों का साफ कहना था कि वो भोजन नहीं करते हैं। यह कहीं ना कहीं सरकारी राशि की लूट को दर्शाता है। एमडीएम नहीं खाने वाले रोजेदार छात्रों का अलग से मेंटनेंस नहीं किया जाना भी गलत मंशा को दर्शाता है। वहीं अगर थोड़ी देर के लिए मान भी लिया जाए कि बच्चे किसी भी रूप में एमडीएम लेते हैं, तो बच्चों की हाजिरी के हिसाब से एमडीएम भी बनना चाहिए। लेकिन यहां तो ऐसा भी नहीं हो रहा है। मध्यान भोजन बनाने में चावल, दाल और सब्जी की भी लूट हो रही है। मंगलवार को 756 छात्रों की उपस्थिति बताई गई। इस हिसाब से लगभग 85 से 90 किलो चावल बनाना था। लेकिन अध्यक्ष ने बताया कि 60 किलो चावल बनाया जा रहा है। इसका मतलब 25 से 30 किलो चावल कम बनाया गया। इसी तरह लगभग 11 किलो दाल बनानी थी। अध्यक्ष के मुताबिक 3 किलो दाल बनाया गया। यहां दाल में भी 8 किलो की कटौती कर दी गई। इसी प्रकार चावल और दाल के मुताबिक सब्जी भी बनाया गया। इससे हर दिन के लूट का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इस तरह के मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। इधर डीएसई नयन रजक ने जानकारी देने पर मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही।

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