Homeमहेशपुरसरकार सरना धर्म कोड को 31 मार्च तक करें घोषणा वरना सात...
Maqsood Alam
(News Head)

सरकार सरना धर्म कोड को 31 मार्च तक करें घोषणा वरना सात अप्रैल को भारत बंद होगा: रुबिलाल

समाचार चक्र की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें
Gunjan Saha
(Desk Head)

नाज़िर हुसैन@समाचार चक्र

महेशपुर। आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि आदिवासी समाज बर्बादी की कगार पर खड़ा है।सरना धर्म कोड,मरांग बुरु, कुर्मी महतो,सीएनटी/एसपीटी,विस्थापन-पलायन, झारखंडी डोमिसाइल,आदिवासी भाषा-संस्कृति, संताली राजभाषा, इज्जत, आबादी, रोज़गार आदि का मामला खतरे में है।दूसरी तरफ लगभग सभी आदिवासी गांव-समाज नशापान,अंधविश्वास, डायन प्रथा, सामाजिक बहिष्कार, ईर्ष्या द्वेष, महिला विरोधी सोच, धर्मांतरण, वंशानुगत स्वशासन व्यवस्था, वोट की खरीद- बिक्री आदि से ग्रसित है।अतएव बृहद आदिवासी एकता और निर्णायक जन आंदोलन के बगैर कुछ भी बचाना मुश्किल है।

सालखन मुर्मू ने कहा है कि दुर्भाग्य है कि आदिवासी समाज बेफिक्र दिखता है।अधिकांश आदिवासी मांझी- परगाना, मानकी मुंडा,पढ़े-लिखे युवा- छात्र, नौकरी पेशा में शामिल आदिवासी और आदिवासी जनसंगठनों के नेता तथा आदिवासी एमएलए,एमपी आदि उपरोक्त मामलों पर चुप हैं।आखिर क्यों फिलवक्त पार्टियों और उसके वोट बैंक को बचाने से ज्यादा समाज को बचाना जरूरी है। सेंगेल ने सरना धर्म कोड के लिए सरकारों को अल्टीमेटम दिया है की 31 मार्च तक घोषणा करे वरना सात अप्रैल को भारत बंद होगा।परंतु क्या केवल सेंगेल और कुछ एक संगठनों के रेल-रोड चक्का जाम से यह हासिल हो सकता है शायद नहीं।इसलिए आदिवासी समाज से अपील है 31 मार्च तक सहयोग की सार्वजनिक घोषणा करें अन्यथा आप आदिवासी समाज के दोस्त हैं या दुश्मन। खुद विचार करें।

उक्त आशय की जानकारी आदिवासी सेंगेल अभियान के जिला छात्र मोर्चा अध्यक्ष रुबिलाल किस्कु ने दिया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Recent Comments