पाकुड़। पाकुड़ जिला कांग्रेस कमिटी सह प्रखंड कमिटी के तत्वधान में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की आदमकद प्रतिमा पर माला पहनाकर पुण्यतिथि मनाई गई.मौके पर उवा जिला उपाध्यक्ष बेलाल शेख ने कहा की देश के पहले शिक्षा मंत्री माैलाना अबुल कलाम की पुण्य तिथि मनाई गई है। वह वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद,पत्रकार और लेखक थे। मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का सऊदी अरब में हुआ था।उनका असल नाम अब्दुल कलाम गुलाम मोहिउद्दीन अहमद था। लेकिन वह मौलाना आजाद के नाम से मशहूर हुए। उनके जन्मदिन को भारत में नेशनल एजुकेशन डे यानी राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है।22 फरवरी,1958 को हृदयाघात से मौलाना अबुल कलाम आजाद का निधन हो गया.माैलाना अबुल कलाम आजाद का इतिहास में झारखंड से एक नाता रहा है। वह यह कि 1912 में आजाद ने कोलकाता से अल-हिलाल नाम की एक पत्रिका निकालनी शुरू की। यह पत्रिका अपने क्रांतिकारी लेखों की वजह से काफी चर्चाओं में रही। ब्रिटिश सरकार ने दो साल के भीतर ही इस पत्रिका को बंद करवा दिया। इसके बाद 1916 में रांची में नजरबंद कर दिया गया।
अल हिलाल के माध्यम से उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द और हिंदू मुस्लिम एकता को बढ़ावा देना शुरू किया और साथ ही ब्रिटिश शासन पर प्रहार किया। भला ब्रिटिश शासन को अपनी आलोचना और हिंदू-मुस्लिम एकता कैसे भाती, आखिरकार सरकार ने इस पत्रिका को प्रतिबंधित कर दिया।ब्रिटिश शासन के दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल होकर अंग्रेजी हुकूमत का विरोध किया।
उन्होंने अपनी एक साप्ताहिक पत्रिका ‘अल-बलाग’ में हिन्दू-मुस्लिम एकता पर आधारित भारतीय राष्ट्रवाद और क्रांतिकारी विचारों का प्रचार-प्रसार किया। मौलाना आजाद हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्षधर और भारत विभाजन के धुर विरोधी थे।
मौके पर जिला सचिव मिथुन मरांडी, नगर अध्यक्ष वंश राज गोप, सोशल मीडिया प्रभारी प्यारुल इस्लाम, शहबाज़ हुसैन आदि मौजूद थे.