ललन झा@समाचार चक्र
अमड़ापाड़ा। झारखंड के बदले हुए राजनीतिक हालात में एक पखवारा पूर्व सीएम की कुर्सी पर नए मुख्यमंत्री के रूप में आसीन चंपाई सोरेन द्वारा शुक्रवार को कैबिनेट का विस्तार किया गया। इस अहम राजनीतिक गतिविधि में झामुमो के लिट्टीपाड़ा विधायक दिनेश विलियम मरांडी को मंत्रिमंडल में जगह न मिल पाने का मलाल कहीं न कहीं क्षेत्र की जनता के साथ खुद विधायक जी में भी महसूस किया गया। शुक्रवार तीन बजे वो अमड़ापाड़ा में सड़कों का शिलान्यास करते दिखे जबकि शाम पांच बजे नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण विधान सभा में हुआ।
पत्रकारों के सवाल – जवाब में उन्होंने कहा कि जनता जिताकर हमें विधान सभा भेजती है और हम इनका प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में जनसरोकार के लंबित कार्यों को प्राथमिकता देना मेरा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म के तहत शीर्ष नेता यह तय करते हैं कि मंत्री किन्हें बनाना है। मंत्री सिर्फ लाल बत्ती घुमाने के लिए नहीं होते। उन्हें सभी विधायकों की बात सुननी पड़ती है। चूंकि विधायक जनता के काम से ही मंत्री के पास पहुंचते हैं। उनमें क्षेत्र का भौगोलिक और राजनीतिक ज्ञान भी होना चाहिए। सभी सत्ताधारी विधायक इस चीज से वाकिफ हैं। विधायक श्री मरांडी ने कहा कि गठबंधन धर्म के तहत समय के साथ परिवर्तन भी होना ही चाहिए। पूर्व की बात को दुहराते हुए कहा कि विधायक जूनियर – सीनियर नहीं होते। सभी विधायक माननीय होते हैं । युवा चेहरों को भी मौका मिलना चाहिए। क्रिश्चियन समुदाय से आपको मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया के जवाब में कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करता है और मंत्रालय सौंपने से आठ घंटे पूर्व संबंधित विधायक को सूचना दे दी जाती है। मुझे ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है।
अंततः उन्होंने कहा कि क्षेत्र वासियों की सेवा सिर्फ मंत्री बनकर ही नहीं विधायक होकर भी किया जा सकता है। मैं और मेरा परिवार पिछले पैंतालीस वर्षों से क्षेत्र की जनता की सेवा में तत्पर हैं।