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कोल माइंस में नौकरी दिलाने के नाम पर पहाड़िया महिलाओं से हजारों की ठगी

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ललन झा@समाचार चक्र
अमड़ापाड़ा। कभी नौकरी दिलाने तो कभी सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम भोले-भाले जनजातीय समुदाय से पैसे ठगी का मामला क्षेत्र में लगातार जारी है। बासमती की एक आदिवासी महिला के साथ साइबर ठगी के कुछ ही दिन बीते होंगे कि सीमावर्ती गोपीकांदर थाना क्षेत्र के गूमापहाड़ी गांव की चार गरीब पहाड़िया महिलाओं से करीब 35 हजार रुपए ठगी का नया मामला सामने आ गया। इस गांव की मोनिका कुमारी, रिंकू देवी, टिंकू देवी और पार्वती देहरीन ने बताया कि अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के बासमती गांव के मांज टोला के एक शातिर युवक ने हम लोगों से 35 हजार रुपए की ठगी कर ली है। पूछने पर पीड़ित महिलाओं ने बताया की उस धुर्त युवक ने झांसे में किसी से 20 हजार रुपए , किसी से 5000 तो किसी से 6 हजार और किसी से ढाई हजार रुपए नकद ठग लिया है। महिलाओं ने बताया कि यह राशि अमड़ापाड़ा कोल माइंस में गार्ड और झाड़ूदार की स्थाई नौकरी दिलाने के नाम पिछले छह माह पहले ले ली गई है। मोनिका ने यहां तक बताया कि कि मुझसे बैंक से 5 लाख रुपए ऋण दिलाने, भाई को सुरक्षा गार्ड में और बहन को झाडूदार में बहाल कराने तथा बैंक अकाउंट खुलवाने के नाम पैसे लिया है। एक फर्जी पहचानपत्र भी बनवाकर दिया है। वहीं पार्वती देहरिन ने बताया कि बेरोजगार बच्चे को गार्ड में नौकरी दिलाने का भरोसा दिया था। जब छह माह गुजर गए और नौकरी या बहाली नहीं हुई तो सबों ने जब उस फ्रॉड युवक से राशि वापसी की मांग की तो वह मोबाइल ऑफ कर फरार हो गया। हालांकि इस मामले की जानकारी हमलोगों ने अमड़ापाड़ा थाने को दी है और राशि कि वापसी कराने का आग्रह पुलिस से किया है। बहरहाल, ऐसे मामलों में पुलिस को आरोपी के खिलाफ शख्त हो पीड़ितों को मदद करने की दिशा में गंभीर पहल करना चाहिए ।

चांदी की माला और मोबाइल की भी की ठगी

टिंकू देवी ने बताया कि मैंने राशि पूरा करने के लिए नकद के अलावे एक चांदी की माला भी उस युवक को दे दिया। जबकि पानवती ने कहा कि खराब मोबाइल ठीक कराने के नाम से मोबाइल भी ले लिया।

घर पहुंचने पर फ्रॉड का नहीं मिला कोई सुराग

महिलाओं ने यह भी बताया कि हमलोग पता कर उसके घर भी पहुंचे लेकिन वह घर पर नहीं मिला। निराश होकर वापस लौटना पड़ा।

आहत पीड़ित महिलाएं हुईं भावुक

भावुक होते हुए कहा कि हम लोगों ने जो राशि जुगाड़ कर दिया उसे अपने पति और अभिभावक से छुपाया। छुपाया इसलिए कि हमारे बेरोजगार भाई – बहन या बेटे बेटियों को स्थाई नौकरी मिलेगी और हम सबों का अभावग्रस्त जीवन खुशहाल होगा। लेकिन हम लोग फ्रॉड के चक्कर में पड़कर बर्बाद हो गए।

Meet Our Team

मकसूद आलम

एडिटर इन चीफ

गुंजन साहा

डेस्क हेड & एडमिन

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